एक राजा ने गुलाब खरीदा । उसका नाम पुछने पर वह बोला - आप जिस नाम से पुकारेगे , वही मेरा नाम होगा । राजा ने पूछा - तू क्या खाएगा, क्या पहनेगा ? " उसने कहा_ "जो आप खिला दें और जो आप पहनने को दें । "राजा ने पुछा _ "तू काम क्या करेगा ? उसने कहा- जो आप कराएं । "
राजा ने पूछा _ तू क्या चाहता हैं ? वह बोला _ गुलाम की कोई चाहत नहीं होती , जो आपकी चाह है वहीं में थी चाह है, " राजा उसे हद्बय से लगा लिया और बोला मैं तुझे अपना गुरु मानता हूं , क्यों की तूने मुझे बता दिया कि परमात्मा के सेवक को कैसा होना चाहिए? उसे भी अपनी चाह मिटाकर प्रभु की इच्छानुसार कार्य करना चाहिए.....!!!!!
राजा ने पूछा _ तू क्या चाहता हैं ? वह बोला _ गुलाम की कोई चाहत नहीं होती , जो आपकी चाह है वहीं में थी चाह है, " राजा उसे हद्बय से लगा लिया और बोला मैं तुझे अपना गुरु मानता हूं , क्यों की तूने मुझे बता दिया कि परमात्मा के सेवक को कैसा होना चाहिए? उसे भी अपनी चाह मिटाकर प्रभु की इच्छानुसार कार्य करना चाहिए.....!!!!!
Interesting story
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