"फोन " भी ना "____!!!!!
यार ये फोन भी ना .....
मां को भी चैन नहीं है...घड़ी-घड़ी फोन खटका देती है आज मीटिंग में चार बार फोन आया, ये भी नहीं समझती...
अगर कोई फोन नहीं उठा रहा तो कोई कारण होगा, दसियों काम होते हैं करने को...
टाई खोलते हुए अभिषेक ने कहा
तुमने कॉल बैक नहीं किया तो उन्होंने मुझे कॉल किया था दिन मे....
हाल चाल पूछ रही थी... रोशनी ने कहा
लो ...ये देखो फिर आ गया फोन...
चाय का कप पकड़ाते हुए रोशनी ने कहा...
....बजने दो यार... तुमसे बात तो हो गई ना उनकी...इनको तो लत लगी है फोन की घंटी बजाने की..." टीवी ऑन करते अभिषेक बोला
"यार उठा लो फोन...मां हैं तुम्हारी फिक्र हो रही होगी..., या मन कर रहा होगा तुमसे बात करने को..
वैसे भी पापा के जाने के बाद अकेलापन लगता होगा उन्हें...
"चैन लेने दो यार अब तुम मुझे...
कर लूँगा फोन कभी, उन्हें तो फुर्सत ही फुर्सत है ...
"कभी क्यों...
अभी क्यों नहीं..., ना जाने कब वो इन साँसों से फुरसत पा जाए वो...
और मां नाम का नंबर मोबाइल पर बजना बंद हो जाए मेरी तरह.....मे ये गलती कर चुकी हूं अपने पापा के वक्त...
काश...उनका फोन उठाकर बात कर ली होती तो ....
उस वक्त तो वो यूं अकेले घुटकर दम नही तोड़ते...
बल्कि किसी अस्पताल से ठीक होकर लौट आते और आज मेरे पास होते.... मगर मैंने भी उनका फोन इग्नोर.....कहकर रो पडी ....
वही अभिषेक फोन को हाथ मे लेकर शर्मिंदा होते तुरंत मां को फोन मिलाने लगा...
दोस्तों मेरी पोस्ट का मकसद बिल्कुल साफ है हम लोग अक्सर अपने आप को कामों मे व्यस्त बताकर मां बाप ,भाई बहन ,पत्नी ,दोस्तों को मिलना तो दूर फोन पर बात भी नही करते ....
दोस्तों ये जीवन है अपने अपनो से ...मां बाप भाई बहनो दोस्तों से ...इनसे दूरी नही बल्कि साथ मे मिलकर खुशियों को मनाइए एक दुसरे का साथ दीजिए हर वक्त हर परिस्थिति में .. नहीं तो इस दुनिया में हम अकेले चलते चलते इतना दूर निकल जाएंगे कि दुर दुर तक कोई अपना ना मिलेगा.....
धन्यवाद______!!!!!
_ _अमन राहुल_ _
nice
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